Mithila ka sankat

Bankar, Ashok

Mithila ka sankat - Bhopal Manjul Publishing House 2015 - 500 p.

ABOUT THE BOOK
मिथिला का संकट
रामायण का दूसरा भाग

मूल रामायण लगभग तीन हज़ार वर्ष पूर्व लिखी गयी थी I अब असाधारण कल्पना और कहानी कहने की बेहतरीन कला के द्वारा अशोक के. बैंकर ने आज के आधुनिक पाठकों के लिए इस महाकाव्य को दोबारा प्रस्तुत किया है I

पाशविक दैत्य देखते ही देखते भारी संख्या में अयोध्या की ओर कूच कर जाते हैं I राम अपने परिवार की रक्षा के लिए नहीं लौट पाते I उन्हें असुरों की सेना से निपटने के लिए कुछ वीर योद्धाओं का साथ देने मिथिला नगरी जाना पड़ता है, जो विनाश के कगार पर खड़ी है I दैत्यराज रावण के साथ होने वाले युद्ध में सहायता के लिए क्या राम को गुप्त देव - अस्त्र मिल पता है?

(https://manjulindia.com/mithila-ka-sankat-hindi-translatin-of-siege-of-mithila.html)

9788183225373


India
Hindu gods

823.914 / BAN

©2019-2020 Learning Resource Centre, Indian Institute of Management Bodhgaya

Powered by Koha