Mere business mantra
Material type: TextPublication details: New Delhi Prabhat Prakashan 2020 Description: 219 pISBN: 9789386231352Subject(s): Business and economicsDDC classification: 332.092 Summary: संसार में यदाकदा ऐसे बुद्धिमान व धैर्यवान् व्यक्ति का उदय होता है, जिसे नजरअंदाज करना कठिन ही नहीं, नामुमकिन होता है। श्री एन.आर. नारायण मूर्ति ऐसे ही विनम्र व्यक्ति हैं। वे एक उद्यमी, उद्यमी-नेता, समाजसेवी व परिवार-प्रिय व्यक्ति हैं। अपार सफलता पाने के बाद भी उनके पाँव जमीन पर टिके हैं। शुरुआत से ही अपने मन-मुताबिक कार्य करके वे आज इस ऊँचाई तक पहुँच सके हैं। अपने कार्यों के लिए असंख्य पुरस्कार व सराहना प्राप्त करने के बाद अब समय आ गया है कि हम उनके मूल्यवान विचारों का लाभ उठाएँ। इस पुस्तक से आपको ऐसा दृष्टिकोण, प्रोत्साहन व महत्त्वपूर्ण प्रेरणा प्राप्त होगी, जिसके बल पर आप सफलता के पथ पर आगे बढ़ते जाएँगे। पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर आपको नारायण मूर्तिजी के सीखे सबक और वर्षों के अनुभव का खजाना प्राप्त होगा। बुद्धिमत्ता से भरी इन सभी उक्तियों में प्रकट हुआ मूर्ति के जीवन का सार हर स्वप्नदर्शी एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति के लिए पथ-प्रदर्शक सिद्ध होगा। इसलिए अपनी असफलताओं के साँचे को तोडि़ए और इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को सफल, सुखद और उज्ज्वल बनाने के मार्ग पर आगे बढि़ए। (https://www.prabhatbooks.com/mere-business-mantra.htm)Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Book | Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 332.092 MUR (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 006162 |
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330.934 KAU Kautilya arthshastra | 332.024 DEM The millionaire fastlane | 332.024 KIY Cashflow quadrant | 332.092 MUR Mere business mantra | 332.4 PAD I love money (Hindi) | 332.678 GRA The intelligent investor | 333.320954 MIL Sarvodayi Saint Acharya Vinova Bhave |
संसार में यदाकदा ऐसे बुद्धिमान व धैर्यवान् व्यक्ति का उदय होता है, जिसे नजरअंदाज करना कठिन ही नहीं, नामुमकिन होता है। श्री एन.आर. नारायण मूर्ति ऐसे ही विनम्र व्यक्ति हैं। वे एक उद्यमी, उद्यमी-नेता, समाजसेवी व परिवार-प्रिय व्यक्ति हैं। अपार सफलता पाने के बाद भी उनके पाँव जमीन पर टिके हैं। शुरुआत से ही अपने मन-मुताबिक कार्य करके वे आज इस ऊँचाई तक पहुँच सके हैं। अपने कार्यों के लिए असंख्य पुरस्कार व सराहना प्राप्त करने के बाद अब समय आ गया है कि हम उनके मूल्यवान विचारों का लाभ उठाएँ।
इस पुस्तक से आपको ऐसा दृष्टिकोण, प्रोत्साहन व महत्त्वपूर्ण प्रेरणा प्राप्त होगी, जिसके बल पर आप सफलता के पथ पर आगे बढ़ते जाएँगे। पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर आपको नारायण मूर्तिजी के सीखे सबक और वर्षों के अनुभव का खजाना प्राप्त होगा। बुद्धिमत्ता से भरी इन सभी उक्तियों में प्रकट हुआ मूर्ति के जीवन का सार हर स्वप्नदर्शी एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति के लिए पथ-प्रदर्शक सिद्ध होगा।
इसलिए अपनी असफलताओं के साँचे को तोडि़ए और इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को सफल, सुखद और उज्ज्वल बनाने के मार्ग पर आगे बढि़ए।
(https://www.prabhatbooks.com/mere-business-mantra.htm)
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