Amazon cover image
Image from Amazon.com

Jo meri nas nas mein hai

By: Material type: TextTextPublication details: Prabhat Prakashan New Delhi 2023Description: 271 pISBN:
  • 9789355215727
Subject(s): DDC classification:
  • 891.433 SHU
Summary: 1999 मुलुंड, मुंबई का एक इलाका; रात के लगभग 11 बजे कासमय ! मेन रोड से लगी हुई कुछ खोलियाँ;उनमें से एक का दरवाजा तेज आवाज के साथखुलता है और VIP का एक फटा-पुराना बैगबाहर फेंक दिया जाता है । साथ ही एक महिलाके चीखने की आवाज आती है, ' जेब में दोकौड़ी नहीं और बातें बड़ी -बड़ी, कहीं और जाके भीख माँग।' हवा में फेंका हुआ बैग खुलजाता है। 'एक डायरी के कुछ पन्ने, एक फाइल मेंरखे हुए कुछ ए-4 साइज के कागज फड़फड़ातेहुए सड़क पर चारों ओर बिखर जाते हैं । 23 साल का एक लड़का खोली के उसीखुले हुए दरवाजे से दौड़ता हुआ बाहर आता हैऔर बदहवास हवा में उड़ते हुए पन्‍ने समेटनेलगता है । आधी रात होने को है, लेकिन सड़कपर ट्रैफिक अभी कम नहीं हुआ। आती-जातीगाड़ियों से बेपरवाह वह लड़का रोता जा रहा हैऔर एक-एक पन्ने के पीछे भागता जा रहा है।ब्रेक मारती हुई गाड़ियों से मुँह निकालकर लोगगालियाँ बकते हैं, ' अबे, मरेगा कया ।' पता नहींयह तमाशा कितनी देर चला, लेकिन लड़के नेसारे पन्ने समेट लिये और हवा ने सारे आँसूसुखा दिए । समेटे हुए वही पन्ने और सूखे हुएआँसू किताब बनकर आज आपके हाथों मेंहैं--सँभाल लीजिए । (https://www.prabhatbooks.com/jo-meri-nas-nas-mein-hai.htm)
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Collection Call number Copy number Status Date due Barcode
Book Book Indian Institute of Management LRC General Stacks Hindi Book 891.433 SHU (Browse shelf(Opens below)) 1 Available 006163
Browsing Indian Institute of Management LRC shelves, Shelving location: General Stacks, Collection: Hindi Book Close shelf browser (Hides shelf browser)
891.433 SHI Chaudah Phere 891.433 SHI Bhairavee 891.433 SHR Pratinidhi kahaniyan 891.433 SHU Jo meri nas nas mein hai 891.433 SIN Upsanhar 891.433 VAS Premchand: dalit jiwan sambandhi kahaniyan 891.433 VAS Premchand: kisan jiwan ki kahaniyan

1999 मुलुंड, मुंबई का एक इलाका; रात के लगभग 11 बजे कासमय ! मेन रोड से लगी हुई कुछ खोलियाँ;उनमें से एक का दरवाजा तेज आवाज के साथखुलता है और VIP का एक फटा-पुराना बैगबाहर फेंक दिया जाता है । साथ ही एक महिलाके चीखने की आवाज आती है, ' जेब में दोकौड़ी नहीं और बातें बड़ी -बड़ी, कहीं और जाके भीख माँग।' हवा में फेंका हुआ बैग खुलजाता है।

'एक डायरी के कुछ पन्ने, एक फाइल मेंरखे हुए कुछ ए-4 साइज के कागज फड़फड़ातेहुए सड़क पर चारों ओर बिखर जाते हैं ।

23 साल का एक लड़का खोली के उसीखुले हुए दरवाजे से दौड़ता हुआ बाहर आता हैऔर बदहवास हवा में उड़ते हुए पन्‍ने समेटनेलगता है । आधी रात होने को है, लेकिन सड़कपर ट्रैफिक अभी कम नहीं हुआ। आती-जातीगाड़ियों से बेपरवाह वह लड़का रोता जा रहा हैऔर एक-एक पन्ने के पीछे भागता जा रहा है।ब्रेक मारती हुई गाड़ियों से मुँह निकालकर लोगगालियाँ बकते हैं, ' अबे, मरेगा कया ।' पता नहींयह तमाशा कितनी देर चला, लेकिन लड़के नेसारे पन्ने समेट लिये और हवा ने सारे आँसूसुखा दिए । समेटे हुए वही पन्ने और सूखे हुएआँसू किताब बनकर आज आपके हाथों मेंहैं--सँभाल लीजिए ।

(https://www.prabhatbooks.com/jo-meri-nas-nas-mein-hai.htm)

There are no comments on this title.

to post a comment.

©2019-2020 Learning Resource Centre, Indian Institute of Management Bodhgaya

Powered by Koha