Mirza Ghalib: hindi bhavarth mai sampurna shayri
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- 9789350650752
- 891.4312 GHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Indian Institute of Management LRC General Stacks | Hindi Book | 891.4312 GHA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 003061 |
मिर्जा गालिब की शायरी अपने अद्वितीय साहित्यिक स्तर, भाषा सौंदर्य और रसपूर्णता के कारण पिछली एक सदी से चर्चित है।
गालिब का कलाम गूढ़ होने के कारण इस के प्रायः तरहतरह के अर्थ निकाल लिए जाते हैं- हिंदी काव्यप्रेमी पाठकों को फारसी या उर्दू का ज्ञान नहीं होने के कारण शेरों को समझने में बड़ी कठिनाई होती है।
हिंदी में पहली बार प्रकाशित इस दीवान में प्रत्येक शेर के साथसाथ उस का भावार्थ भी दिया गया है ताकि पाठक गालिब की कविता का पूरी तरह रसास्वादन कर सकें।..
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