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100 _aBankar, Ashok
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245 _aMithila ka sankat
260 _bManjul Publishing House
_aBhopal
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300 _a500 p.
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520 _aABOUT THE BOOK मिथिला का संकट रामायण का दूसरा भाग मूल रामायण लगभग तीन हज़ार वर्ष पूर्व लिखी गयी थी I अब असाधारण कल्पना और कहानी कहने की बेहतरीन कला के द्वारा अशोक के. बैंकर ने आज के आधुनिक पाठकों के लिए इस महाकाव्य को दोबारा प्रस्तुत किया है I पाशविक दैत्य देखते ही देखते भारी संख्या में अयोध्या की ओर कूच कर जाते हैं I राम अपने परिवार की रक्षा के लिए नहीं लौट पाते I उन्हें असुरों की सेना से निपटने के लिए कुछ वीर योद्धाओं का साथ देने मिथिला नगरी जाना पड़ता है, जो विनाश के कगार पर खड़ी है I दैत्यराज रावण के साथ होने वाले युद्ध में सहायता के लिए क्या राम को गुप्त देव - अस्त्र मिल पता है? (https://manjulindia.com/mithila-ka-sankat-hindi-translatin-of-siege-of-mithila.html)
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